आम जनता को सस्ते में एलपीजी मुहैया कराने के लिए सरकार ने एक कदम उठाया है। इसके तहत सरकार ने एक पैनल का गठन किया है, जो इसपर विचार करेगा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी निजी कंपनियों को सस्ते में रसोई गैस बेचने की अनुमति दी जाए या नहीं।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज जामनगर में विश्व की सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाती है और सरकार से अनुरोध कर चुकी है कि उन्हें आम लोगों को सब्सिडी पर गैस सिलेंडर बेचने की अनुमति दी जाए।
दरअसल सरकारी कंपनियां ग्राहकों को गैस सिलेंडर मार्केट प्राइस पर ही बेचती है, लेकिन ग्राहकों के बैंक खाते में सब्सिडी का पैसा वापस आ जाता है, जिससे सिलेंडर का दाम कम हो जाता है। लेकिन निजी कंपनियों को इसकी अनुमति नहीं है। निजी कंपनियां मार्केट प्राइस पर ही गैस सिलेंडर बेचती हैं।
सरकार द्वारा गठित किए गए पैनल में पांच सदस्य हैं, जिनमें पूर्व पेट्रोलियम सचिव किरत पारेख और इंडियन ऑयल के पूर्व चेयरमैन एमए पठान भी शामिल हैं। इस पैनल को जिलाई के अंत तक अपनी रिपोर्ट देनी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज कई राज्यों में करोड़ों रसोई गैस ग्राहकों को एलपीजी बेचती है।
देश के कुल एलपीजी ग्राहकों की संख्या से यह काफी कम है। भारत विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा एलपीजी सिलेंडर इस्तेमाल करने वाला देश है।