#PATNA के एक प्रसिद्ध होटल में आधी रात घु’से ‘आतं’की’, ATS ने दिया करा’रा ज’वाब

PATNA : राजधानी पटना देर रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब खबर लगी कि एक नामचीन होटल में आतंकी घुस गए हैं. आतंकियों का सामना करने वहां एटीएस की टीम पहुंची. कुछ देर की मशक्कत के बाद एटीएस का ऑपरेशन सफल रहा. देर रात से सुबह होते-होते पता चला कि ये कोई सच का आतंकी हमला नहीं, बल्कि एटीएस का मॉकड्रिल था. दरअसल दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की घटना के बाद एक बार फिर से बिहार ATS अलर्ट मूड में आ गई है. इस बात का परीक्षण बीते शुक्रवार की देर रात ATS द्वारा लिया गया. दरअसल पटना के एक नामचीन होटल में आतंकियों के छुपी होने की खबर मिलना और फिर उन आतंकियों के खिलाफ ATS के द्वारा  गिरफ्तारी को लेकर की जाने वाली सटीक कारवाई को ऑपरेशन टेरेरिस्ट नामक मॉकड्रिल के माध्यम से किया गया. ATS के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैश होकर पूरे ऑपरेशन को करते नजर आये. पूरी कार्रवाई असली घटना की तरह की तरह की गई. मॉकड्रिल के दौरान कुछ आतंकवादी (नाट्य रुपांतरण कर) होटल के अंदर घुसकर. वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लिया था. लोगों को बंधक बना दिए जाने की सूचना पाकर ATS की टीम हथियारों के साथ पहले होटल के पूरे परिसर को अपने घेरे में ले लेती है. ऐसे किया ऑपरेशन एक एक कर ATS के जवान होटल के अंदर प्रवेश करते है और देखते ही देखते होटल में नीचे से लेकर ऊपर तक ATS के जांबाज तैनात हो जाते हैं और फिर टीम होटल में मौजूद आतंकीयों को ATS की टीम ना सिर्फ ढेर कर दिया बल्कि सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया. इस मॉकड्रिल ऑपरेशन को लीड करने वाले टीम लीडर SI निरंजन ने बताया कि इस तरह की ड्रिल ATS के द्वारा समय समय पर किया जाता रहा है. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले कुछ माह से इन मॉकड्रिल पर ब्रेक लग गया था, लेकिन अपने आला अधिकारियों के निर्देश पर आज इस तरह के मॉकड्रिल को ATS के द्वारा एक बार फिर से किया गया और अपनी कार्यक्षमता को आंका गया. पिछली बार दिन के उजाले में मॉकड्रिल बता दें कि ATS की यह मॉकड्रिल पिछले साल 22 दिसंबर 2020 को पटना के तारामंडल परिसर में की गई थी. उस वक़्त तारामंडल के बाहर से गुजर रहे लोगों को लगा था कि आतंकी हमला हुआ है. लोग डर से सहम गए थे. इस कारण इस बार यह ड्रिल आधी रात को वो भी एक नामचीन होटल में की गई. इस मॉकड्रिल के जरिये ATS ने अपनी कार्य दक्षता को मापा.
दीदी का शव देखकर दोनों छोटी बहनें चिल्लाने लगीं. मां पहुंची तो पुत्री को देख दहाड़ मारकर रोने लगी. देखते ही देखते शव देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. सूचना पर थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी सुधीर कुमार पहुंचे और तुलसी की दोनों बहनों से पूछताछ की. इसके बाद आरोपित भाई की खोज शुरू कर दी. लेकिन, पुलिस को इसमें सफलता नहीं मिली. हालांकि, कहा जा रहा है कि आरोपित भाई गोपाल पैदल टहलते हुए थाना पहुंच गया जिससे पुलिस पूछताछ करने में जुटी है. फिलहाल, इस संबंध में पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकर तुलसी की इतनी निर्मम हत्या क्यों की गई. इधर, गांव के लोगों ने बताया कि आरोपित भाई गोपाल नशापान का आदि था. इस कारण उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी. दरभंगा सदर के पुलिस उपाधीक्षक अनोज कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. युवक से पूछताछ चल रही है. घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है.
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